चढ़ता सूरज डूब गया — रमेश रमन

चढ़ते सूरज को लोग जल देंगे जब ढलेगा तो मुड़ के चल देंगे   -इन अमर पंक्तियों के रचयिता भाई राजगोपाल सिंह मेरे अभिन्न मित्र थे। हृदय को बहुत पीड़ा होती है, जब अपने अभिन्न को है की जगह था कहने के लिए विवश होना पड़ता है।   भाई राजगोपाल सिंह उन सच्चे विचारकों और … Continue reading चढ़ता सूरज डूब गया — रमेश रमन